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भारत की आपत्ति के बाद कोरोना वेरिएंट का नाम रखने के नियम बदले

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने कोविड-19 के वेरिएंट के नामकरण के लिए एक नये सिस्टम का ऐलान किया है.इसके तहत अब डब्लूएचओ भारत, ब्रिटेन, दक्षिण अफ़्रीका समेत दूसरे देशों में पाये जाने वाले कोरोना वेरिएंट का नाम रखने के लिए ग्रीक भाषा के अक्षरों का इस्तेमाल करेगा. इसी नियम के तहत पहली बार भारत में पाये गए B.1.617.1 को कप्पा और B.1.617.2 को डेल्टा कहा जाएगा. ब्रिटेन में पाये गए वेरिएंट को अल्फ़ा और दक्षिण अफ़्रीका में पाये गए वेरिएंट को बीटा नाम दिया गया है. डब्लूएचओ ने कहा कि ये फ़ैसला बातचीत को आसान बनाने और किसी देश के साथ वेरिएंट के नाम को ना जोड़ा जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है.

सच्चा सच

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पहाड़... सिर्फ उसका है जो जी रहा है पहाड़ को और टूट रहा है  पहाड़ की तरह। उनके लिए तो पहाड़  देवभूमि है जहां आलौ़ में छोटी-बडी़ गुफाओं में विराजते हैं देवता और  रखते हैं उनकी सुख-सुविधाओं का ख्याल ताकि  कटती रहे उनकी जिंदगी ऐशोआराम से देहरादून की आलीशान कोठियों में। और... हमारे लिए पहाड़ के मायने  सिर्फ इतने हैं कि लिख सकें कोई ढौल पुर्याता गीत गाड-गदन्यों सी छलछलाती कविता आदर्श बघारती कहानी हृदय में झौल़ लगाता नाटक। बुद्धिजीवी होने के नाते अडा़ते रहें इनको बुथ्याते रहें उनको और जवाबदेही से  बचने के लिए नए सिरे से जुट जाएं फिर किसी कविता-कहानी की तलाश में...।

क्रिसमस पर बन रहे बर्फबारी के आसार

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मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक अगले कई दिनों तक ऐसा ही मौसम रहेगा। उधर, मसूरी में पर्यटकों की संख्या बढ़ने के चलते शहरवासियों को जाम से जूझना पड़ा। वाहनों की संख्या एकाएक बढ़ने के चलते लोगों को क्लेमनटाउन से राजपुर आने में पौन घंटे का समय लगा। रात में धुंध ने वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया। उत्तराखंड पर इस बार मौसम मेहरबान है। दिसंबर पहले पखवाड़े जबरदस्त बर्फबारी हुई। अब 20 दिसंबर और उसके बाद क्रिसमस पर फिर से बर्फबारी के आसार हैं। मौसम विभाग की भविष्यवाणी सही साबित हुई तो क्रिसमस और न्यू ईयर पर पर्यटकों को पहाड़ों पर बर्फ से खेलने का आनंद भी मिलेगा। मौसम केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा है कि, राज्य के 2500 मीटर से अधिक की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 20 और 21 दिसंबर को फिर से बारिश और बर्फबारी हो सकती है। क्रिसमस के मौके पर फिर से बर्फबारी के आसार बन रहे हैं। मैदानी इलाकों में 20 तक कोहरा छाने की संभावना है। 

आयकर विभाग ने कहा, 31 दिसंबर तक आधार को पैन से लिंक करना अनिवार्य

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आयकर विभाग ने रविवार को कहा कि 31 दिसंबर तक पैन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करना अनिवार्य है। इससे पहले आधार-पैन लिंक की डेडलाइन 30 सितंबर थी, जिसे सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) ने बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया था। सीबीडीटी ही आयकर विभाग की नीतियां तय करता है। आयकर विभाग की ओर से जारी सार्वजनिक संदेश में कहा गया कि "एक बेहतर भविष्य के लिए और इनकम टैक्स सर्विस जारी रखने के लिए 31 दिसंबर से पहले अनिवार्य रूप से अपने पैन कार्ड को आधार से लिंक कराएं।" सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल सितंबर में केन्द्र की आधार योजना को संवैधानिक रूप से वैध घोषित किया था और पैन कार्ड जारी करने और आयकर रिटर्न भरने के लिए आधार की बायोमेट्रिक आईडी को अनिवार्य बताया था। आयकर एक्ट के सेक्शन 139-एए (2) के मुताबिक, हर व्यक्ति जिसके पास 1 जुलाई 2017 तक पैन कार्ड हो और वह आधार कार्ड बनवाने के योग्य हो, उसे आयकर विभाग को अपना आधार नम्बर बताना होता है।

प्रणब बोले- बहुमत स्थायी सरकार के लिए जरूरी, इतिहास गवाह है कि वोटरों ने कभी भी एक ही पार्टी को समर्थन नहीं दिया

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नई दिल्ली. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मोदी सरकार को विपक्ष समेत सभी के साथ लेकर चलने की सलाह दी है। इंडिया फाउंडेशन की तरफ से रखे गए अटल बिहारी वाजपेयी मेमोरियल लेक्चर में सोमवार को हिस्सा लेने पहुंचे प्रणब ने कहा कि हो सकता है कि लोगों ने किसी पार्टी को प्रचंड बहुमत दिया हो, लेकिन भारतीय चुनावों के इतिहास में ऐसा कभी नहीं रहा, जब वोटर्स ने सिर्फ एक ही पार्टी को समर्थन दिया हो। भारतीय मतदाताओं का यही संदेश राजनीतिक खिलाड़ियों ने कभी साफतौर पर नहीं समझा। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि जब संसद में हमारे पास जबर्दस्त बहुमत होता है, तो हमें लगता है कि हम सब कुछ कर सकते हैं। लेकिन यहां हम गलत होते हैं। लोगों ने पहले कई बार ऐसे नेताओं को सजा दी है।  प्रणब मुखर्जी ने आगे कहा, “चुनावों में जबर्दस्त बहुमत मिलने का मतलब है कि आप स्थिर सरकार बना सकते हैं। जबकि लोकप्रिय बहुमत न मिलने से आप बहुसंख्यकवाद की सरकार नहीं बना सकते। यही हमारे संसदीय लोकतंत्र का संदेश और खूबसूरती है।'' उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि बार-बार संसद की कार्यवाही में बाधा डालना कुछ और नहीं बल्कि सदस्यों

नागरिकता कानून: उद्धव ठाकरे बोले- जामिया में जो हुआ वह जलियांवाला बाग जैसा

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नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में मचे घमासान में अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी कूद पड़े हैं। उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि छात्रों के साथ वह जो कर रहे हैं, वह नहीं करना चाहिए। ठाकरे ने जामिया यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा के लिए पुलिस की निंदा की और कहा कि वहां जो कुछ भी हुआ, वह जलियांवाला बाग जैसा है। ऐसा नहीं होना चाहिए था। बता दें कि दिल्ली के जामिया नगर इलाके में हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ के मामले में पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं और इनमें कोई भी छात्र नहीं है। बता दें कि साउथ दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में हुई हिंसा के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने 2 FIR दर्ज कर दी थी। पुलिस पर लगे थे यह आरोप रविवार को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में अराजक तत्वों ने जमकर तांडव मचाया था। पुलिस और जामिया प्रशासन दोनों का शुरू से कहना है कि हिंसा में छात्रों का कोई हाथ नहीं था। हिंसा में बाहरी लोग शामिल थे जो आगजनी, तोड़फोड़ के बाद

साठ के दशक की हिन्दी कविता जनमानस में रची बसी थी

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साठ के दशक को याद करता हूं तो एक सुखद अनुभूति होने लगती है, देश को आजाद हुए कुछ ही वर्ष हुए थे, नवनिर्माण का दौर चल रहा था। राष्ट्रीयता के भाव हर जगह मुखरित थे। भूख, गरीबी और शिक्षा का अभाव होते हुए भी जन-जन में देश प्रेम की भावना हिलोरे ले रही थी। राष्ट्रकवि मैथिली शरण गुप्त की  'भारत भारती' में लिखी यह पंक्तियां जनमानस में घर कर गयी थी। हम कौन थे क्या हो गए हैं और क्या होंगे अभी, आओ विचारें आज मिलकर ये समस्यायें सभी। यह दौर अपने में अद्वितीय था, किसी भी राष्ट्रीय आयोजन में किसी को कोई आमन्त्रण नहीं भेजा जाता था, लोगों में इतना उत्साह था कि किसी भी राष्ट्रीय पर्व पर सम्मिलित होना हर कोई अपना कर्तव्य समझता था, आजादी की जो एक लम्बी लड़ाई हमने लड़ी और हमारे  और हमारे राष्ट्रीय नायकों का जो आर्दश और चरित्र हमारे सामने था सम्भवतः यह उसका परिणाम था, 'हल्दी घाटी' के कवि श्यामनारायण पाण्डेय ने तभी यह सिंह गर्जना की थी। सामने पहाड़ हो सिंह की दहाड़ हो शेषनाग हो अड़ा क्यों न काल हो खड़ा तुम अमर बढ़े चलो तुम अजर बढ़े चलो तुम निडर बढ़े चलो आन पर चढ़े चलो अपनी आन-बान-शान पर मर मिटने की प्रेर